Prabhat Yadav
Tuesday 16 January 2024
Rahat Indori
ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे
जो परदेस में वो किससे रजाई मांगे
अपने हाकिम की फकीरी पर तरस आता है
जो गरीबों से पसीने की कमाई मांगे
अपने मुंसिफ की ज़िहानत पे मैं कुर्बान, के जो
क़त्ल भी हम हो हमीं से ही वो सफाई मांगें
- Rahat Indori
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment